शहीद होने के बाद भी जो गश्त करते हैं भारत-चीन सीमा पर!


मूलरूप से पौड़ी के रहने वाले वीर जवान जसवंत सिंह रावत की दास्तां अब दुनिया देखेगी। महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह ने वर्ष 1962 में हुए युद्ध में अकेले ही चीन की सेना को 72 घंटो तक रोके रखा था।

अरूणाचल में इस जवान को बाबा के नाम से पुकारा जाता है और वहां जसवंत बाबा का मंदिर भी है। अब जल्द ही राइफलमैन जसवंत सिंह की वीरता भरी कहानी सभी बड़े पर्दे पर देख पाएंगे। दून के थियेटर आर्टिस्ट मिलकर जसवंत सिंह पर फिल्म बना रहे हैं।

पढें, यहां जेल के अंदर से चलती है स्टूडेंट 'पॉलिटिक्स'

दून में परिवार

जवान जसवंत सिंह का परिवार दून के डोभालवाला क्षेत्र में ही रहता है। 91 वर्षीय मां लीला देवी को बेटे की वीरता पर बेहद फख्र महसूस होता है।

मात्र एक साल फौज की नौकरी करने के बाद 19 साल की आयु में भारत-चीन युद्ध में जसवंत सिंह मारे गए। दुश्मनों ने उन पर पीछे से हमला किया और सिर काट कर ले गए।

पढें, आपदा ने इन्हें बना दिया 'करोड़पति'

मरने के बाद भी प्रमोशन
जसवंत देशभर में अकेले ऐसे सैनिक रहे जिन्हें मरने के बाद भी प्रमोशन और सालाना छुट्टियां मिलती रही। राइफलमैन से वो अब मेजर जनरल बन चुके हैं।

भाई विजय सिंह रावत का कहना है कि सुनने में आया था भाई रिटायर हो चुके हैं पर अभी पक्का नहीं पता लग पाया है। विजय ने बताया कि वे लोग मूलरूप से पौड़ी बीरोखाल ब्लॉक के बाड़यू गांव के रहने वाले हैं।

बाबा का मंदिर
शहीद जसवंत ने अरूणाचल में जिस जगह पर चीन की सेना से युद्ध किया। उस जगह का नाम जसवंत गढ़ रख दिया गया है। वहां जसवंत सिंह को बाबा जी कहकर बुलाया जाता है।

पढें, वहशियाना कत्ल से पहले जुनूनी प्यार, पार्ट-3


वहां बिना बाबा को याद किए सैनिक राइफल नहीं उठाते। बाबा की याद में वहां एक मंदिर बनाया गया है। लोगों का मानना है कि अब भी बाबा के लिए बनाए गए कमरे में आकर ठहरते हैं क्योंकि सुबह चादर में सिलवट होती है। कमरे में प्रेस कर रखी गई शर्ट भी मैली होती है।

अब बनेगी फिल्म

दून के शहीद पर अब फिल्म बनने जा रही है। एंफीगौरी फिल्म बनाने के बाद अब मुंबई से लौटे अविनाश इसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

अविनाश ध्यानी ने बताया कि वे अपने पिता के मुंह से हमेशा से जसवंत सिंह के बहादुरी के किस्से सुनता रहा हूं यही वजह है कि मैंने इस पर फि ल्म बनने की सोची।

फिल्म बनाने की योजना
थियेटर आर्टिस्ट अभिषेक मैंदोला ने बताया कि फिल्म बनाने से पहले अरूणाचल जाकर मंदिर सहित वे सभी जगह देखी जाएगी जहां जसवंत सिंह रहते थे।

पढें, बदरीनाथ धाम रह गया अब केवल पांच किमी दूर

उसके बाद ही स्क्रिप्ट तैयार की जाएगी। इस फिल्म में सहयोग करने वालों में अनुज जोशी, लक्ष्मण सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी आदि हैं। 

कई बार गश्त करते हुए देखा गया एक व्यक्ति
शहीद जसवंत सिंह के भाई रणवीर सिंह ने बताया कि कई बार चीन और भारत के बॉर्डर पर एक व्यक्ति रात में गश्त करता हुआ दिखाई दिया।

पढें, फर्स्ट टीचरः असली 'फुंसुक वांगडू' से मिलिए

चीन की ओर से ऑब्जेक्शन
जिस पर चीन की ओर से ऑब्जेक्शन भी उठाया गया। जबकि भारत की सेना ने साफ कहा कि उनकी ओर से किसी को वहां नहीं भेजा गया। जबकि लोग मानते हैं कि वो और कोई नहीं मेरा भाई जसवंत ही है। वो आज भी अपनी मां का ख्याल रखता है और मां की रक्षा के लिए हमारे आसपास ही मौजूद रहता है।

नहीं जानते कौन है महावीर चक्र विजेता
देखकर आश्चर्य होता है लेकिन यही सच है। जसवंत सिंह के मोहल्ले में कोई उनके घर का पता नहीं बता पाता। उनके घर के पास ही महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रहती हैं।

आइए, बुला रही हैं पहाड़ की हसीन वादियां 

उनका पता बच्चे-बच्चे को मालूम है। लेकिन महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह का पता पूछने पर लोग बगले झांकने लगते हैं। बड़े-बुजुर्ग तक कहते हैं कौन जसवंत सिंह? शहीद की भाभी मधु रावत ने बताया कि मेयर विनोद चमोली कितनी ही बार नजदीकी चौक का नाम शहीद जसवंत सिंह चौक रखने का आश्वासन दे चुके हैं लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। जसवंत को शहीद हुए पूरे पचास साल हो गए लेकिन दून में उनके नाम पर एक सड़क तक नहीं बनाई गई।

News source: www.amarujala.com

-----------------------------------------------------
 Uttaranchal villages, Uttarakhand villages, villages of uttarakhand, utarakhand pictures, uttarakhand wallpapers, uttarakhand temples, beautiful Uttarakhand, tourist places in Uttarakhand, tourist places in Uttaranchal, temples of uttarakhand, towns of uttaranchal, famous places in uttarakhand, famous places in Uttaranchal, towns of uttarakhand, uttarakhand villages, uttarakhand towns, uttarakhand wallpapers, uttarakhand pictures, uttarakhand tourism, pauri garhwal, uttarakhand, garhwal, pauri garhwal villages, pauri garhwal towns, bazars of pauri garhwal, pauri garhwal roadways, pauri garhwal roadways, uttarakhand wikimapia,
>

No comments:

Post a Comment

Nainital in pics - 30 stunning pics